अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ ने सोमवार को 25 गरीब देशों को कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए नि:शुल्क सहायता देने के लिए तत्काल कर्ज राहत की घोषणा की। आईएमएफ के प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने एक बयान में कहा- यह हमारे सबसे गरीब और सबसे कमजोर सदस्यों को अगले छह महीनों में प्रारंभिक चरण के लिए अपने आईएमएफ ऋण दायित्वों को कवर करने के लिए अनुदान दिया जा रहा है। इससे उन्हें आपात चिकित्सा और अन्य राहत प्रयासों में अपने वित्तीय संसाधनों के अधिक उपयोग करने में मदद मिलेगी।
इबोला के वक्त दी गई थी राहत
हालांकि यह पहला मौका नहीं है, जब गरीब देशों को कर्ज में राहत दी गई है। इससे पहले साल 2015 में पश्चिम अफ्रीका के इबोला बीमारी के वक्त भी इसी तरह कर्ज माफी का फैसला लिया था। आईएमएफ बोर्ड ने 25 गरीब देशों के लिए कर्ज राहत को मंजूरी दे दी है, जिसमें लगभग पूरे अफ्रीकी देशों के साथ ही अफगानिस्तान, यमन, नेपाल और हैती शामिल हैं। विश्व बैंक के साथ मिलकर आईएमएफ ने अमीर देशों से गरीब देशों का एक मई 2020 से लेकर जून 2021 तक ऋण भुगतान को रोकने के लिए कहा है।
160 अरब डॉलर होगा जारी
कर्ज राहत को आईएमएफ के कैटास्ट्रोप कन्टेंनमेंट एंड रिलीफ ट्रस्ट (CCRT) द्वारा दिया जाएगा, जिसे पहली बार साल 2015 में पश्चिम अफ्रीका में इबोला के प्रकोप से निपटने के लिए स्थापित किया गया था। अब कोविड-19 के तहत देशों की मदद करने के लिए इसे फिर से इस्तेमाल किया जाएगा। वर्तमान में इस फंड में 50 करोड़ डॉलर की राशि है, जिसमें मुख्यतया जापान, ब्रिटेन, चीन और नीदरलैंड्स का योगदान है। पिछले हफ्ते विश्व बैंक ने कहा था कि वह 15 महीनों में आपातकालीन सहायता के रूप में 160 अरब डॉलर जारी करेगा, जिससे वायरस से पीड़ित देशों को मदद मिलेगी। इस राशि से 76 गरीब देशों को अन्य सरकारों को ऋण चुकाने के लिए दिए जाने वाले 14 अरब डॉलर शामिल हैं।